Bihar Mukhyamantri Udyami Yojana 2025
मुख्यमंत्री उद्यमी योजना 2025 : बिहार सरकार की आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ी पहल
बिहार सरकार द्वारा राज्य के युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री उद्यमी योजना (Mukhyamantri Udyami Yojana) चलाई जा रही है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य बेरोजगार युवाओं को अपने पैरों पर खड़ा करना और उन्हें खुद का व्यवसाय शुरू करने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करना है।
योजना की शुरुआत और उद्देश्य
मुख्यमंत्री उद्यमी योजना की शुरुआत बिहार सरकार ने इस सोच के साथ की थी कि राज्य के अधिक से अधिक युवा रोजगार मांगने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनें। इसका उद्देश्य है कि युवाओं को सरकारी सहायता के माध्यम से अपने व्यवसाय की शुरुआत के लिए प्रोत्साहित किया जाए, ताकि वे अपने जिले या गांव में ही स्वरोजगार कर सकें और पलायन की समस्या को कम किया जा सके।
इस योजना के अंतर्गत सरकार ₹10 लाख तक की राशि स्वरोजगार करने के लिए उपलब्ध कराती है, जिसमें 50% राशि अनुदान (grant) के रूप में दी जाती है और बाकी 50% ब्याजमुक्त ऋण के रूप में।
योजना के तहत मिलने वाले लाभ
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कुल सहायता राशि:
लाभार्थियों को अधिकतम ₹10 लाख तक की राशि दी जाती है। -
अनुदान (Grant):
इस ₹10 लाख में से 50% यानी ₹5 लाख की राशि सरकार द्वारा अनुदान के रूप में दी जाती है। इसे वापस नहीं करना होता। -
ब्याजमुक्त ऋण (Interest-Free Loan):
शेष 50% यानी ₹5 लाख का ब्याजमुक्त ऋण दिया जाता है, जिसे आसान किस्तों में लौटाया जा सकता है। -
ट्रेनिंग और मार्गदर्शन:
लाभार्थियों को बिजनेस ट्रेनिंग दी जाती है, ताकि वे अपने व्यवसाय को सही तरीके से चला सकें। -
ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया:
आवेदन पूरी तरह ऑनलाइन है, जिससे पारदर्शिता बनी रहती है और आवेदन करने वालों को किसी दलाल या एजेंट की आवश्यकता नहीं होती।
अब तक की प्रगति (22 सितंबर 2025 तक)
बिहार सरकार के उद्योग विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, अब तक इस योजना के तहत:
- वितरित राशि: ₹3125.52 करोड़
- कुल लाभार्थी: 43,870
- तिथि: 22 सितंबर 2025 तक
यह आंकड़ा दर्शाता है कि मुख्यमंत्री उद्यमी योजना ने बिहार के हजारों युवाओं, महिलाओं और उद्यमियों को आर्थिक रूप से सशक्त किया है।
पात्रता (Eligibility Criteria)
मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत लाभ पाने के लिए आवेदक को निम्नलिखित शर्तें पूरी करनी होती हैं —
- आवेदक बिहार राज्य का स्थायी निवासी होना चाहिए।
- आवेदक की आयु 18 से 50 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
- आवेदक न्यूनतम इंटरमीडिएट (12वीं) पास होना चाहिए।
- आवेदक के नाम से कोई सरकारी या निजी रोजगार नहीं होना चाहिए।
- आवेदक के पास व्यवसाय का स्पष्ट प्रोजेक्ट प्लान (Business Plan) होना चाहिए।
किन योजनाओं के अंतर्गत आवेदन किया जा सकता है
मुख्यमंत्री उद्यमी योजना को बिहार सरकार ने विभिन्न वर्गों के लिए अलग-अलग नामों से भी लागू किया है —
- मुख्यमंत्री अति पिछड़ा वर्ग उद्यमी योजना
- मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति/जनजाति उद्यमी योजना
- मुख्यमंत्री महिला उद्यमी योजना
- मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक उद्यमी योजना
इन सभी योजनाओं का उद्देश्य एक ही है — सभी वर्गों के लोगों को समान अवसर देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना।
योजना के तहत मिलने वाले प्रमुख लाभ
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स्वरोजगार को प्रोत्साहन:
यह योजना उन युवाओं के लिए वरदान है जो नौकरी के बजाय खुद का व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं। -
आर्थिक स्वतंत्रता:
अनुदान और ब्याजमुक्त ऋण से उद्यमी को पूंजी जुटाने की चिंता नहीं रहती। -
महिलाओं को सशक्त बनाना:
महिला उद्यमी योजना के तहत महिलाओं को विशेष प्रोत्साहन दिया जाता है। -
स्थानीय रोजगार सृजन:
छोटे उद्योग और व्यवसाय शुरू होने से स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ते हैं। -
पारदर्शी प्रक्रिया:
आवेदन से लेकर राशि वितरण तक की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होती है, जिससे किसी प्रकार की गड़बड़ी नहीं होती।
आवेदन की प्रक्रिया (Step-by-Step Online Process)
यदि आप भी मुख्यमंत्री उद्यमी योजना का लाभ लेना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए चरणों का पालन करें —
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वेबसाइट पर जाएं:
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‘Apply’ पर क्लिक करें।
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नया यूजर रजिस्ट्रेशन करें।
- नाम, ईमेल, मोबाइल नंबर और आधार नंबर भरें।
- ओटीपी वेरिफिकेशन करें।
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लॉगिन करें और आवेदन फॉर्म भरें।
- व्यक्तिगत जानकारी
- व्यवसाय से जुड़ी जानकारी
- प्रोजेक्ट रिपोर्ट अपलोड करें
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आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें:
- आधार कार्ड
- पैन कार्ड
- शैक्षणिक प्रमाणपत्र
- जाति प्रमाणपत्र (यदि लागू हो)
- बैंक पासबुक
- पासपोर्ट साइज फोटो
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फॉर्म सबमिट करें और रसीद डाउनलोड करें।
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सत्यापन प्रक्रिया के बाद चयनित आवेदकों को ट्रेनिंग और फंड वितरण की सूचना दी जाती है।
योजना के तहत कौन-कौन से व्यवसाय शुरू किए जा सकते हैं?
इस योजना के तहत कोई भी वैध व्यवसाय या उद्योग शुरू किया जा सकता है जैसे —
- कपड़ा उद्योग
- सिलाई/बुनाई केंद्र
- डेयरी फार्म
- मोबाइल रिपेयरिंग
- कंप्यूटर सेंटर
- खाद्य प्रसंस्करण यूनिट
- ब्यूटी पार्लर या सैलून
- साइबर कैफे
- ऑटोमोबाइल सर्विस सेंटर
- कृषि आधारित व्यवसाय
सरकार ने किसी विशेष क्षेत्र की अनिवार्यता नहीं रखी है, जिससे हर व्यक्ति अपनी रुचि और कौशल के अनुसार व्यवसाय चुन सकता है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम (Training Program)
इस योजना का सबसे मजबूत हिस्सा है – प्रशिक्षण। सभी चयनित लाभार्थियों को व्यवसाय शुरू करने से पहले एक निश्चित अवधि का ट्रेनिंग प्रोग्राम दिया जाता है, जिसमें निम्नलिखित विषयों पर जानकारी दी जाती है:
- बिजनेस मैनेजमेंट
- फाइनेंस मैनेजमेंट
- मार्केटिंग स्किल्स
- सरकारी योजनाओं की जानकारी
- डिजिटल पेमेंट और जीएसटी प्रक्रिया
यह ट्रेनिंग पूरी तरह मुफ्त होती है और सफल उद्यमियों के अनुभव साझा कराए जाते हैं ताकि नए उद्यमी प्रेरित हो सकें।
योजना का प्रभाव
मुख्यमंत्री उद्यमी योजना ने बिहार में रोजगार सृजन और आर्थिक विकास के क्षेत्र में एक नई दिशा दी है। हजारों युवाओं ने इस योजना से लाभ उठाकर अपने-अपने क्षेत्रों में छोटे उद्योग स्थापित किए हैं। इससे ग्रामीण इलाकों में भी व्यापारिक माहौल बढ़ा है और महिलाओं में आत्मविश्वास आया है।
बिहार सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले वर्षों में इस योजना के जरिए एक लाख से अधिक युवाओं को उद्यमी बनाया जाए।
- संपर्क हेल्पलाइन: 18003456214
मुख्यमंत्री उद्यमी योजना बिहार सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है, जो युवाओं को बेरोजगारी से निकालकर आत्मनिर्भर बनने का अवसर प्रदान करती है। ₹10 लाख तक की आर्थिक सहायता, 50% अनुदान और ब्याजमुक्त ऋण जैसी सुविधाओं के साथ यह योजना हर उस व्यक्ति के लिए फायदेमंद है जो खुद का व्यवसाय शुरू करने की सोच रखता है।
यदि आप भी अपने जीवन में कुछ बड़ा करना चाहते हैं, तो यह योजना आपके सपनों को साकार करने का सुनहरा अवसर है। आज ही आवेदन करें और बनें बिहार के नए उद्यमी।
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